कोई चाहत है न ज़रूरत है
कोई चाहत है न ज़रूरत हैमौत क्या इतनी खुबसूरत है
मौत की गोद मिल रही हो अगर
जागे रहने की क्या जरुरत है
जिन्दगी गढ़ के देख ली हमने
मिटटी गारे की इक मूरत है
सारे चेहरे जमा है माज़ी के
मौत क्या दुल्हनो की सूरत है - मीना कुमारी
koi chahat hai n jarurat hai
koi chahat hai n jarurat haimout kya itni khubsurat hai
mout ki god mil rahi ho agar
jaage rahne ki kya jarurat hai
zindgi gadh ke dekh li tumne
mitti gaare ki ek murat hai
saare chehre jama hai maazi ke
mout kya dulhano ki surat hai -Meena Kumar Naaz
आभार पढ़वाने का.