तुम्हारी याद से जब हम गुजरने लगते है - जॉन एलिया

तुम्हारी याद से जब हम गुजरने लगते है जो कोई काम न हो बस वह करने लगते है

तुम्हारी याद से जब हम गुजरने लगते है

तुम्हारी याद से जब हम गुजरने लगते है
जो कोई काम न हो बस वह करने लगते है

तुम्हारे आइना-ए-जात के तसव्वुर में
हम अपने आइना आगे संवरने लगते है

तुम्हारे कुचा-ए-जाँ बख्श के कलंदर भी
अजीब लोग है हर लम्हा मरने लगते है

हम अपनी हालत-ए-बेहाली अज्ज़ियत में
न जाने किस को, किसे याद करने लगते है

बहुत उदास हूँ मै ग़म सदा नहीं रहता
बहुत उदास हूँ मै ज़ख्म भरने लगते है

उन्हें मै मेरी तमन्ना का फन सिखाता हूँ
जो लोग तेरी तमन्ना से डरने लगते है

यहाँ मै जिक्र नहीं कर रहा मकीनो का
कभी-कभी दर ब दीवार मरने लगते है - जॉन एलिया


tumhari yaad se jab hum guzrane lagte hai

tumhari yaad se jab hum guzrane lagte hai
jo koi kaam n ho bas wah karne lagte hai

tumhare aaina-e-jaat ke tasvvur me
ham apne aaina aage sanwarne lagte hai

tumhare kucha-e-jaaN bakhsh ke kalandar bhi
ajeeb log hai har lamha marne lagte hai

ham apni halat-e-behali azziyat me
n jane kis ko, kise yaad karne lagte hai

bahut udas hun mai gham sada nahi rahta
bahut udas hun mai zakhm bharne lagte hai

unhe mai meri tamanna ka fan sikhata hun
jo log teri tamanna se darne lagte hai

yaha mai ziqr nahi kar raha makeeno ka
kabhi kabhi dar-b-deewar marne lagte hai - Jaun Eliya

Post a Comment

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post