मौत का बीज ( कहानी ) - आर्थर कॉनन डॉयल शेरलॉक होम्स के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे कुछ ने उनकी कहानिया पढ़ी होगी तो कुछ ने उन पर बनी फिल्म को देखा
मौत का बीज ( कहानी ) - आर्थर कॉनन डॉयल
शेरलॉक होम्स के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे कुछ ने उनकी कहानिया पढ़ी होगी तो कुछ ने उन पर बनी फिल्म को देखा होगा | इस जासूसी किरदार के रचयिता थे सर आर्थर कॉनन डायल |सर आर्थर कॉनन डॉयल को सर की उपाधि होम्स की रचना करने हेतु ही मिली थी, एक समय ऐसा था जब इन्होने होम्स को मारने की ठानी, पूछने पर उन्होंने बताया की होम्स का किरदार उन पर हावी हो रहा हे, वो खुल कर नही लिख पाते क्योकि होम्स के फेन इतने ज्यादा थे कि वो होम्स को कभी हारता हुआ नही देख सकते थे, कभी अगर सर आर्थर कॉनन डॉयल होम्स को किसी कहानी में थोडा भी कमजोर या हार दिखाने की कोशिश करते सर आर्थर कॉनन डॉयल को धमकी भरे खत मिलने शुरू हो जाते पर इन्होने एक दिन होम्स को खत्म कर ही दिया, तब लोगो का बहुत बड़ा आंदोलन हुआ, इनके घर के बहार लोग नारे लगाने लगे, खत आदि मिलने लगे, तब इन्हें होम्स को वापस जिन्दा करना पड़ा जिस लेखक ने जासूसी को न्या आयाम दिया, जासूस की एक अलग पहचान बनाई,अपनी लेखनी से सरे विश्व को चोका दिया, उस लेखक सर आर्थर कॉनन डॉयल को अंतिम दिनों में एक बच्चे ने पागल बना दिया, ये बहुत रहस्यमय स्थिति में मरे थे, कभी इन्हें परिया दिखती कभी कुछ |
- होम्स की हेट और सिगार पहचान थी आज भी जासूसी किरदारों को ऐसे ही दिखाते हे या यु कहे वर्तमान के जासूसी किरदारों की पहचान ही सिगार और हेट बन चुके है |
- होम्स रूप बदलने में माहिर थे, वो सिर्फ गेटअप ही नही बल्कि किरदार में घुस ही जाते थे |
- होम्स शरीर से पतले लेकिन बहुत ताकतवर थे |
- होम्स कभी बीस बीस दिनों तक कमरे में बंद रहकर सिर्फ नशा करते थे, कभी सिर्फ काम |
- इनकी एक एक कहानी रहस्य रोमांच है, अगर आपने होम्स पढ़ लिया तो आप को अन्य जासूसी कहानी बोर लगेंगी /होम्स एक वैज्ञानिक भी थे, कई प्रयोग करते रहते थे, अपनी तारीफ सुनना इन्हें कम पसंद था, होम्स हमेशा सिर्फ तथ्यों के पीछे जाकर निष्कर्ष देते थे
- जब भी कोई इनसे मदद मागने आता ये सिर्फ उसे देख कर उसके बारे में सब जान लेते /आदमी आश्चर्य चकित हो जाता, लेकिन जब ये उसे कारण बताते तो बहुत छोटे |
हम आपको कहानी की और ले जाने के पहले शेरलॉक होम्स कि दो कहानिया जिनका www.dramatech.in के रवि राज सागर ने भारतीयकरण कर उसे नाटक का रूप दिया है उन्हें सुनने के लिए उपलब्ध करा रहे है इसमें होम्स का नाम शरमन कर दिया गया है और भी कई परिवर्तन है परन्तु कहानी वही है
आप इन्हें डाउनलोड करने के लिए निचे दिए लिंक पर जा सकते है https://archive.org/details/SherlockHolmesStories-DramatisedInHindi
या फिर कहानी के प्लयेर के निचे दिरेक्ट लिंक दिए गए है वहा से डाउनलोड करे | (Just right Click on Link and click on save link as)
पहली कहानी का नाम है दोस्त या दुश्मन यह कहानी होम्स की Valley Of Fear-"Sherlock Holmes" पर आधारित है :
Part #1 दोस्त या दुश्मन:
File Size : 13.9 MB bit rate 64kbps
Part #2 दोस्त या दुश्मन
File Size : 990 KB bit rate 64kbps
और दूसरी कहानी का नाम है बिंदियो वाला पत्ता यह होम्स की Speckled Band - "Sherlock Holmes" पर आधारित है
Part #1 बिंदियो वाला पत्ता
File Size :12.5 MB bit rate 64kbps
Part #2 बिंदियो वाला पत्ता
File Size : 2 MB bit rate 64kbps
अब कहानी पेश है नाम है मौत का बीज
सितम्बर के महीने का अंत चल रहा था| पूरे दिन काफी तेज़ हवा चलती रही| इसके साथ ही बारिश कि फुहार सी पड़ रही थी| लन्दन के बीचों-बीच बैठे हम लोग रोजाना कि जिंदगी से अलग विचार करने व पहचानने के लिए मजबूर हो गए थे|
मनुष्य कि सभ्यताओं में मोजूद महान तात्विक बल चिंघाड़ रहा था| शाम होते-होते तूफ़ान बढ़ गया| चिमनी से आती हवा किसी बच्चे कि तरह शोर मचा रही थी| होम्स आग के पास बैठा अपने आपराधिक अभिलेखों को सूचीबद्ध कर रहा था, जबकि मैं दूसरे सिरे पर बैठा क्लार्क रसेल कि सामुद्रिक कथाओं में डूबा हुआ था| मेरी पत्नी मायके गई थी| इसलिए मैं कुछ दिनों के लिए बेकार स्ट्रीट के अपने पुराने मकान में आ गया था|
"क्यों-|" अपने दोस्त की तरफ देखकर मैंने पूछा-"घंटी बजी थी न? आज रात के समय कौन आ सकता है? मुझे तो लगता है तुम्हारा कोई दोस्त ही होगा, वरना इतनी रात में-|"
"मेरा तुम्हारे अलावा कोई और दोस्त नहीं है|" उसने जवाब दिया-"मैं मेहमानों को ज्यादा नहीं बुलाता|"
"फिर कोई क्लायंट?"
"यदि ऐसा है तो मामला गंभीर होगा| कोई छोटी बात तो इस समय किसी आदमी को बाहर नहीं ला सकती| लेकिन मुझे लगता है की यह मकान मालकिन ही होगी|"
होम्स का अंदाजा गलत था| गलियारे में किसी के चलने की आवाज़ सुनाई पड़ी, फिर दरवाज़ा खटखटाया गया| उसने अपनी लम्बी बांह फैलाई तथा लैम्प को खुद से परे हटाते हुए एक खाली कुर्सी पर रख दिया, जिस पर आने वाला बैठता| "अन्दर आ जाओ|" उसने कहा|
आने वाला आदमी जवान था, उसकी उम्र बाईस साल की थी| उसने चुस्त वस्त्र पहने हुए थे जो आकर्षक लग रहे थे| उसके हाथ में थमा टपकता छाता और उसकी लम्बी चमकदार बरसाती भयानक मौसम के बारे में बता रहे थे| जिसमे से होकर वह आया था|
उसने लैम्प की रौशनी में चिंतित भाव से चारों तरफ देखा| मैंने ध्यान दिया की उसका चेहरा पीला था, और उसकी आँखें चिंता से बोझिल हो रही थी, वह कुछ भयभीत था|
"मैं आपसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ|" उसने आँखों पर लगा सुनहरी चश्मा ठीक करते हुए बताया-"मेरा यकीन है की मैं हस्तक्षेप नहीं कर रहा| मुझे डर है कि मैं तूफ़ान और बरसात के कुछ चिन्ह आपके कमरे में ले आया हूँ|"
"मुझे बरसाती तथा छाता दो|" होम्स ने कहा-"वह यहाँ हुक पर टंगे रहेंगे और अभी सूख जायेंगे| मेरा अनुमान है की तुम दक्षिण-पश्चिम से यहाँ आये हो|"
"हाँ, हाशमि से|" उसने बताया|
"तुम्हारे जूतों की नोक पर लगा मिटटी तथा खड़िया का बुरादा इस बात का सबूत है|"
"मैं आपसे कुछ मामले में सलाह लेने आया हूँ, उम्मीद है आप मुझे निराश नहीं करेंगे|"
"वो तुम्हे अवश्य मिलेगी|"
"और मदद?"
"यह प्राप्त करना हमेशा आसन नहीं है|" शरलॉक होम्स ने कहा-"मदद भी किसी-किसी को मिलती है|"
"मैंने आपके बारे में सुना था, श्री होम्स! मैंने मेज़र पैंडरगास्ट से सुना था कि कैसे आपने उसे टैंकरविले क्लब काण्ड से बचाया था|"
"हाँ जरूर| उस पर पत्तों की धोखाधड़ी का मिथ्या आरोप था|" वह सोचकर बोला|
"वह कहता था कि आप कुछ भी सुलझा सकते हैं मिस्टर होम्स-|" उस आने वाले व्यक्ति ने कहा|
"उसने कुछ ज्यादा ही कह दिया|"
"आप कभी असफल भी नहीं होते|" वह बोला-"जो काम अपने हाथ में लेते हैं पूरा करते हैं|"
"मैं चार बार नाकामयाब हो चुका हूँ, तीन बार व्यक्तियों द्वारा और एक बार स्त्री द्वारा|"
"लेकिन यह सब आपकी सफलताओं के सामने क्या मायने रखता है!" उस व्यक्ति ने प्रशंसा की|
"यह सच है की साधारणतः मैं कामयाब ही होता हूँ|" मिस्टर होम्स के होठों पर मुस्कराहट थी|
"फिर तो आप मेरे मामले में भी हो सकते हैं|" उसने कहा-"आप केस हाथ में लेकर देखिये|"
"तुम अपनी कुर्सी आग के पास खींच लो, और विस्तार से अपना मामला समझा दो|"
"मिस्टर होम्स-! यह मामला कोई साधारण मामला नहीं है|" उसके चेहरे पर उलझन के भाव थे|
"मेरे पास केस जब आता है तो तभी आता है जब वह अपने अंत पर पहुँच जाता है|"
"फिर भी मिस्टर होम्स! में आपसे पूछना चाहूंगा कि अपने अनुभव में अभी रहस्यमय और अनसुलझी घटनाओं की ऐसी श्रंखला के विषय में सुना है, जैसी मेरे परिवार में घटित हुई?"
"तुमने मुझे केस के प्रति उत्सुकता जगा दी|" होम्स ने कहा-"मुझे शुरू से पूरी बात बताओ|"
उस आदमी ने अपनी कुर्सी थोडा आगे की और खींची और अपने गीले पैर आग की तरफ बढ़ा दिए|
उसने बताया-“मेरा नाम जॉन ओपेन शॉ है, मगर मेरे केस का जैसा में जानता हूँ इन विचित्र बातों से थोडा ही सरोकार है| यह एक आनुवंशिक मामला है, इसलिए इसकी झलक देने के लिए में शुरू करता हूँ|"
"मेरे दादा के दो बेटे थे-एक मेरे चाचा एलियस और दूसरे, मेरे पिता जोसेफ| मेरे पिता का कावेंट्री में छोटा-सा कारखाना था| जिसे उन्होंने साईकिल के आविष्कार के समय बढ़ा लिया था| वह ओपेन शॉ के न टूटने वाले टायरों के मालिक थे| उनका कारोबार इतना कामयाब रहा कि इसे बेचकर इससे मिलने वाली धनराशी में आराम से अपना जीवन बिताने लगे|"
"मेरे चाचा जब जवान थे, तो अमेरिका जाकर रहने लगे थे और फ्लोरिडा में पौधों का कार्य करते थे| उनका कारोबार बढ़िया चल रहा था| युद्ध के समय वह जैक्सन सेना में थे और बाद में हुड में, जहाँ वह कर्नल हो चुके थे| जिस समय ली ने समर्पण किया, मेरे चाचा फिर पोधों का कारोबार सँभालने लगे| तीन-चार साल वहीँ रहे|
सन १८६९ अथवा ७० के आस-पास वे यूरोप वापस लौटे और ससेक्स में हाशमि के निकट एक छोटी भूमि खरीद ली| वह अमेरिका में काफी जायदाद अर्जित कर चुके थे और वहां से लौटने की वजह उनकी काले लोगों के प्रति अरुचि और संघीय नीति के के प्रति नाराज़गी थी| वह एकाकी, सरवने, गुस्से में भद्दी बातें करने लग जाते थे|
वह जितने साल हाशमि में रहे, उन्होंने कभी कस्बे में पांव नहीं रखा| उनके घर के आस-पास एक बगीचा और दो-तीन खेत थे| वहां लोग कसरत करते थे| महीनों वह अपना कमरा नहीं छोड़ते थे| ब्रांडी कुछ ज्यादा ही पीते थे| समाज से भी दूर-दूर रहा करते थे| न उनका कोई दोस्त था, न ही किसी को वे पसंद करते थे, यहां तक कि अपने भाई को भी नहीं|
बस वह मुझे ही पसंद करते थे| तब से उन्होंने मुझे देखा बहुत प्यार करने लगे थे| उस समय मैं बारह साल का था| यह १८७८ की बात है| इसके बाद वह आठ-नौ साल इंग्लैण्ड में रहे| मेरे पिता से कहने के बाद उन्होंने मुझे अपने साथ ही रख लिया था|
वह मुझसे बहुत अच्छा व्यवहार करते थे| कभी-कभी खुश होकर मेरे साथ खेलते भी थे| अपने नौकरों और कारोबारी लोगों के सामने वह मुझे अपने प्रतिनिधि के रूप में पेश करते थे| सोलह साल की उम्र में मैं घर का पूरा मालिक बन चूका था|
घर की सारी चाबियां मेरे पास ही होती थी| मुझे हर जगह जाने, कुछ भी करने का पूरा अधिकार था| उनके अधिकार में सिर्फ अटारी वाला कमरा ही रहता था| उस कमरे में हमेशा ताला लगा रहता था| इसके अन्दर जाने की किसी को इजाजत नहीं थी| मुझे भी नहीं| एक दिन चाबी के छेद से मैंने उसके अन्दर झांका तो उसमें पुराने बक्से और गठरियां ही थी|
यह सन १८८३ की बात है| मेज़ पर एक लिफाफा रखा था, जिस पर विदेशी मुहर लगी थी| ख़त प्राप्त करना उनके लिए सरल कार्य नहीं था, क्योंकि उनके सारे बिल नकद अदा हते थे| उनका कोई दोस्त भी नहीं था|
भारत से| वह उस लिफाफे को उठाकर बोले-पांडिचेरी का डाक टिकट लगा है| यह क्या हो सकता है?
उन्होंने उस लिफ़ाफ़े को जल्दी से खोला, तो पांच बीज निकलकर उनकी तस्तरी में गिर गए| यह देखते ही मुझे हंसी आ गई| लेकिन उनका चेहरा देखते ही मेरी हंसी गायब हो गई| उनकी आँखें बहार को आ गई थी और होंठ लटका हुआ था| चेहरा पीला पड़ चुका था| वह अपने कांपते हाथों से लिफ़ाफ़े को देख रहे थे| 'के...के...के' वह चिल्लाए और फिर देखते ही देखते उनके हाथ पैर ठन्डे होने लगे थे|
"क्या बात है चाचा-!" मैं भयभीत स्वर में चिल्लाया-"मुझे बताओ तुम्हे क्या हुआ है?"
"मृत्यु-|" उन्होंने कहा और मुझे डर से काँपता हुआ देखकर वह उठे और अपने कमरे की और चल दिए|
उनके जाने के बाद मैंने लिफाफा उठाया, और अन्दर की तरफ गोंद के ठीक ऊपर लाल प्रतीक देखा| उसके ऊपर तीन बार 'के' लिखा हुआ था| उसमे पांच सूखे बीजों के अलावा कुछ नहीं था|
इस डर की क्या वजह हो सकती थी, मैं डर के मरे नाश्ता छोड़कर उठ गया और जैसे ही सीढ़ियों पर चढ़ा, मैंने चाचा को जंग लगी चाबी लेकर नीचे आते हुए देखा| वो चाबी शायद अटारी की थी| उनके एक हाथ में चाबी थी, और दुसरे में पीतल का बक्सा| वह बक्सा कुछ इस प्रकार का बना था जैसे पुराने लोग पैसा रखने का बनाते हैं|
"वह जो चाहे कर लें, लेकिन मैं उन्हें सफल नहीं होने दूंगा|" उन्होंने प्रतिज्ञा करते हुए कहा-"मैरी से कहो कि मेरे कमरे में आग जला दे, और हाशमि के वकील फार्देम को बुला लाये|"
जैसा उन्होंने कहा, मैंने वैसा ही किया|
जिस समय वकील पहुंचा, मुझे कमरे में बुलाया गया| आग तेजी से जल रही थी और आगदान में जले कागज जैसी काली, फूली हुई राख का ढेर पड़ा हुआ था| मेरी नज़र जैसे ही उस पीतल के बक्से पर पड़ी, उस पर 'के' लिखा हुआ था| जैसा कि मैंने लिफ़ाफ़े के ऊपर देखा था|
मेरे चाचा बोले-"मैं चाहता हूँ जॉन कि तुम मेरी वसीयत के साक्षी बनो, मैं अपनी सारी जायदाद तुम्हारे पिता के नाम छोड़ता हूँ, जो बाद में तुम्हे मिलेगी| अगर तुम इसका अच्छा इस्तेमाल करो तो| बहुत अच्छी बात होगी| अगर तुम्हे लगे कि तुम इसका लाभ नहीं उठा सकते तो तुम इसे अपने घोर शत्रु के लिए छोड़ देना| मैं शर्मिंदा हूँ कि मैं तुम्हें ऐसी दोधारी वास्तु दे रहा हूँ, लेकिन मैं तुम्हें नहीं बता सकता कि अगला मोड़ कौन-सा हो सकता है, इसलिए जहाँ वकील साहब कहते हैं हस्ताक्षर कर दो|"
"मैंने हस्ताक्षर कर दिए, उसके बाद वो कागज वकील अपने साथ ले गया| इस घटना का मुझ पर काफी प्रभाव पड़ा, मैंने काफी सोच-विचार किया, हर तरीके से अपना दिमाग चलाया, लेकिन कोई फायदा नहीं| मेरे दिल में जो डर बैठ गया था वो निकल नहीं पाया|
कुछ सप्ताह बाद मैं थोड़ा संभल गया, और हमारे जीवन में बाधा डालने वाली भी कोई बात नहीं थी, लेकिन मैं अपने चाचा में कुछ परिवर्तन देख रहा था| अब वह काफी शराब पीने लगे थे| समाज से बिलकुल अलग हो चुके थे| उनका ज्यादातर वक्त उनके कमरे में गुजरता|
उनके कमरे का दरवाजा हमेशा अन्दर से बंद रहता था| जब भी वह बहार होते थे तो गुस्से और नशे की हालत में होते थे| उनके हाथ में एक रिवाल्वर होता, जिससे वह हमेशा गोलियां बरसाते थे और चिल्लाते थे कि उन्हें किसी से डर नहीं लगता है| जब उनका यह गुस्सा ख़त्म हो जाता तो वह अपने कमरे में घुस जाते थे और अपने पीछे ताला लगाकर इसे बंद कर लेते| उसी तरह जैसे वह किसी से डरते हों|
उस समय जब मैं उनका चेहरा देखता था तो सर्दियां होने के बावजूद भी उनके चेहरे पर पसीना होता था|
मिस्टर होम्स! अब मैं केस के आखिर में आते हुए बताता हूँ कि एक रात अचानक उन्हें फिर वही गुस्से और नशे के दौरे पड़े| जिनसे वे कभी वापस नहीं आए| जब हमने उन्हें तलाश किया तो वह तालाब में औंधे मुंह पड़े हुए थे| पानी दो फुट गहरा था| चोट का भी कहीं कोई निशान नहीं था|
सभी लोगों ने उसे आत्महत्या मान लिया| लेकिन मैं जानता था कि वह मौत से कितना डरते थे| मैं खुद इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूँ| कुछ दिन बाद मामला ठंडा हो गया| इसके बाद मेरे पिता ने जायदाद और चौदह हज़ार पौंड जो बैंक में थे अपने अधिकार में ले लिए|"
"एक पल रुको|" होम्स ने हस्तक्षेप किया-"मैं देखता हूँ कि तुम्हारा वक्तव्य अद्वितीय है, ऐसा मैंने आज तक नहीं सुना| तुम्हारे चाचा द्वारा ख़त को हासिल करना व आत्महत्या तारीख मुझे दो|"
"ख़त दस मार्च, सन १८८३ को मिला था| फिर उनकी मृत्यु १० सप्ताह बाद २ मई को हुई|"
"थैंक्यू-| आगे बताओ|"
"जब मेरे पिता ने सारी जायदाद अपने अधिकार में ले ली तो मेरे कहने पर उन्होंने अटारी वाले कमरे का जायजा लिया| हमने वहां पीतल का बक्सा देखा| उसमे रखा सामान नष्ट कर दिया गया था| इसके कवर में एक पर्ची चिपकी हुई थी| जिस पर 'के के' लिखा था| इसके नीचे 'पत्र' मेमो, रसीदें व एक पुस्तिका लिखा था|
हमने सोचा कि यह उन कागजों के विषय में था जो चाचा ने नष्ट कर दिए| और अटारी में कुछ ख़ास सामान नहीं था सिवाय किताबों और कागजों के| इन कागजों में मेरे चाचा ने अमेरिका के बारे में लिखा था| उनमें कुछ युद्ध के समय के थे| जिससे पता चलता था कि उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन अच्छी तरह किया था|
इसी के साथ उन्होंने एक बहादुर सिपाही होने की प्रतिष्ठा भी लूटी थी| दूसरे दक्षिणी प्रान्तों में पुनर्निर्माण के समय के थे, और ज्यादातर राजनीति से ताल्लुक रखते थे| क्योंकि उन्होंने उत्तर से आए राजनीतिज्ञों के विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया था|
सन १८८४ की घटना है, जब मेरे पिता हाशमि में बसने आये थे और जनवरी, १८८५ तक सब कुछ जितना अच्छा चल सकता था चला| नववर्ष के चौथे दिन जब हम नाश्ते की टेबल पर बैठे हुए थे| मैंने अपने पिता को हैरानी से तेज़ लहजे में चिल्लाते हुए देखा| वह वहां बैठे थे, और उनके एक हाथ में अभी खोला गया एक लिफाफा था और दूसरे हाथ की हथेली में संतरे के पांच बीज सूखे हुए थे| वह कर्नल के विषय में हमेशा मेरी कहानी पर हंसते थे|
लेकिन अब जब वही बात उनके साथ गुजरी थी तो वह बुरी तरह भयभीत हो गए थे|
"क्यों जॉन, इस बात का क्या मतलब होता है?" मेरे पिता ने हडबडाकर मुझसे पूछा|
"मेरा दिल डूबा जा रहा था| यह 'के...के...के' हैं|" मैंने कांपती आवाज़ में उन्हें बताया|
उन्होंने लिफाफे के अन्दर झांका|
"ऐसा ही है|" वह जोर से चिल्लाये-"यह अल्फाज हैं, पर यह इनके ऊपर क्या लिखा है?"
"कागज सूर्य घड़ी पर रख दो|" मैंने उनके कंधे के ऊपर से झांकते हुए उस कागज को पढ़ा|
"कौन-से कागज-? कौन-सी सूर्य घड़ी की बात कर रहे हो?" उन्होंने उलझनभरे स्वर में पूछा|
"बगीचे वाली सूर्य घडी| और कोई दूसरी है ही नहीं|" मैंने बताया-"लेकिन कागज वह हैं जो नष्ट हो चुके हैं|"
"हूँ|" उन्होंने अपनी हिम्मत को बटोरते हुए कहा-"हम यहां एक सभ्य क्षेत्र में हैं, और इस तरह की बेवकूफी हरगिज बर्दाश्त नहीं कर सकते| यह लिफाफा कहां से आया है?"
"डूंडी से आया है|" मैंने लिफ़ाफ़े के डाक चिन्ह को अच्छी तरह देखा और उन्हें बता दिया|
"यह एक बड़ा ही भद्दा मजाक है|" उन्होंने गुस्से में कहा-"मुझे सूर्य घड़ी और कागजों का क्या करना है? मैं इस तरह की बेहूदा और बेकार बातों पर हरगिज़ ध्यान नहीं दूंगा|"
"मुझे इस बारे में निश्चित तौर पर पुलिस को सब-कुछ बता देना चाहिए|" मैंने कहा|
"और मेरे दुःख पर हंसना चाहिए| ऐसा कुछ नहीं करना है|" उन्होंने गुस्से से भरे लहजे में कहा|
"मुझे करने दो|"
"नहीं, जब मैंने तुम्हे मना कर दिया| मैं इस प्रकार की बेहूदगी का तमाशा नहीं लगाना चाहता हूं|"
उनसे बहस करना बेकार था, क्योंकि वह बड़े अड़ियल आदमी थे| मैं अपने मन में आवेश लेकर चला गया|
इस ख़त के मिलने के तीन दिन बाद मेरे पिता अपने दोस्त मेजर फ्रीबांडी से मिलने के लिए गए| जो पोर्टसडाऊन की पहाड़ी पर स्थित किलों में से एक के प्रभारी है| मैं बहुत खुश था, क्योंकि मुझे लगा कि जब वह घर से बहार होंगे तो हर खतरे से बचे रहेंगे|
लेकिन ऐसा सोचना मेरी भूल थी| उनकी गैरहाजिरी के दूसरे दिन मुझे मेजर द्वारा भेजा गया तार मिला| उसने मुझे फ़ौरन बुलाया था| मेरे पिता पड़ौस के खुले पड़े खड़िया के गड्ढे में गिर गए थे और अचेत थे| उनका सर फट चुका था| मैं वहां फ़ौरन पहुंचा लेकिन तब तक वह मर चुके थे|
ऐसा लगता है जैसे वह गोधूली में फारेहैम से लौट रहे थे, चूंकि गांव से अनजान थे और खड़िया के गड्ढे खुले हुए थे| मारने वाले ने उन्हें इसमें गिराकर दुर्घटना घोषित कर दिया| उनकी मौत से जुड़े प्रत्येक तथ्य का मैंने बारीकी से निरीक्षण किया है, लेकिन ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा, जिससे हत्या घोषित किया जा सके|
उनके शरीर पर कहीं कोई चोट का निशान नहीं था| कोई लूटमार नहीं की, उस मार्ग पर किसी अजनबी के आने-जाने के निशान भी नहीं थे| आप खुद समझ सकते हैं कि उस समय मेरी क्या हालत होगी| मैं पूरी तरह से निश्चित था कि उनके चारों तरफ कोई जाल बुना गया है|"
"इस प्रकार मैं उत्तराधिकारी बना| आप जानना चाहेंगे कि मैंने इससे छुटकारा क्यों नहीं पाया| मेरा जवाब यही है कि मुझे अच्छी तरह यकीन था कि हमारे कष्ट चाचा की जिन्दगी की किसी घटना पर निर्भर थे-और खतरा एक घर में भी उतना ही होगा जितना दुसरे घर में|
यह जनवरी, १८८५ की बात है कि बेचारे मेरे पिता ख़त्म हो चुके थे-और तब से दो साल आठ महीने बीत चुके हैं| इस दौरान से ख़ुशी-ख़ुशी हाशिम में रह रहा हूँ| अब मैंने उम्मीद करना शुरू कर दिया था कि मेरे परिवार के ऊपर से ये श्राप हट चुका है|
मैं सोच रहा था कि पिछली पीढी के साथ ही उसका खात्मा हो चूका था| मैं इसलिए सुखपूर्वक दिन गुजार रहा था, लेकिन कल सुबह उसी के मुताबिक उसी प्रकार का धक्का लगा, जैसा मेरे पिता के साथ हुआ था और जैसा मेरे चाचा के साथ हुआ था|"
नौजवान ने अपनी जेब से एक मुड़ा हुआ लिफाफा निकला और उसे मेज की तरफ मुड़कर उसमें से संतरे के पांच सूखे हुए बीज निकालकर होम्स को दिखाए|
"यह लिफाफा है|" उसने कहा-"डाकचिन्ह लन्दन का है| पूर्वी प्रभाग| अन्दर वही शब्द लिखे हैं जो मेरे पिता के अंतिम सन्देश में लिखे थे|
'के...के...के' और 'फिर कागज सूर्य घडी के ऊपर रख दो'|"
"तुमने क्या किया?" होम्स ने पूछा|
"कुछ भी तो नहीं|"
"कुछ नहीं किया?"
"सच बताऊँ|" उसने कहा|
"हाँ|"
उसने अपना चेहरा अपने दोनों हाथों में छिपा लिया और फिर हिम्मत करके बोला-
"मैं अपने आपको बिल्कुल असहाय महसूस कर रहा हूं, मैं अपने आपको उन खरगोशों की तरह समझ रहा हूं जिनकी तरफ सांप बढ़ रहा होता है| मैं किसी विरोधहीन बला की पकड़ में आ गया हूं जिससे कोई पूर्वदर्शिता, कोई सावधानी रक्षा ना कर सके|"
"च! च!" शरलॉक होम्स चिल्लाया-"तुम्हें कुछ करना चाहिए लड़के, नहीं तो तुम गए| उर्जा के अलावा तुम्हें कोई नहीं बचा सकता| यह समय निराशा का नहीं है|"
"मैं पुलिस के पास भी गया था मिस्टर होम्स! मगर वहां जाकर कोई फायदा नहीं हुआ|"
"अच्छा!"
"वह लोग मेरी कहानी सुनकर मुस्कुरा रहे थे| मुझे यकीन है कि इंस्पेक्टर के विचार में सारे ख़त किसी के द्वारा किया गया मजाक है और मेरे परिवार वालों की मौत दुर्घटनावश थी, जैसा कि निर्णायक मंडल ने कहा था और चेतावनियों से उसका कोई ताल्लुक नहीं है|"
होम्स ने अपनी मुट्ठी बंधे हाथ हवा में लहराए-"अविश्वाशी मूर्खता|" वह जोर से चिल्लाया|
"फिर भी उन्होंने मेरे साथ घर में रुकने के लिए एक पुलिस वाला लगा दिया है|"
"वह आज रात तुम्हारे साथ आया है यहां पर?" होम्स के चेहरे पर सोच की परछाइयां थीं|
"नहीं| उसे घर में रुकने के आदेश दिए गये थे, इसलिए मैं अकेला ही यहां आया हूं|" उसने बताया|
होम्स ने गौर से हवा में देखा|
"तुम मेरे पास क्यों आये हो?" उसने कहा-"और सबसे बड़ी बात यह है कि तुम तुरंत मेरे पास क्यों नहीं आये?"
"मुझे आपके बारे में पता नहीं था|" उसने बताया-"इसलिए मैं आप तक नहीं पहुंच सका|"
"अब किसने बताया?"
"आज ही मैंने मेजर पैंडरगास्ट से अपने दुःख के बारे में बात की तो उन्होंने मुझे आपके पास भेज दिया|"
"तुम्हें ख़त मिले दो दिन हो चुके हैं| हमने इस पर पहले काम किया होता| मेरे विचार में आगे तुम्हारे पास इसके अलावा कोई प्रमाण नहीं है, जो तुमने हमें सुनाया-कोई सहायक ब्यौरा नहीं, जिसकी वजह से हमें मदद मिल सके?"
"एक बात है" जॉन ओपेन शॉ बोला| उसने अपने कोट की जेब से एक नीले रंग का धुंधला-सा कागज बाहर खींचा और उसे मेज पर बिछा दिया-"मुझे याद है|" उसने कहा-"उस दिन जब मेरे चाचा ने कागज जलाए थे, मैंने देखा कि बिना जले छोटे किनारे, जो राख में पड़े थे, इस रंग के थे| यह एकमात्र कागज मुझे उनके कमरे के फर्श पर मिला था|
मैं सोचता हूं कि यह संभवतः उनमे से एक कागज हो सकता है, जो उनमे से उड़ गया होगा और इस तरह नष्ट होने से बच गया| मैं देख रहा हूं कि बीजों के अलावा और कुछ सहायक नहीं है| मेरे ख्याल से यह किसी निजी डायरी का पृष्ठ है और निस्संदेह इस पर मेरे चाचा का लेख है|"
होम्स ने लैम्प सरकाया और हम दोनों कागज पर झुक गए| इसकी उधड़ी किनारी बता रही थी की इसे किसी किताब से फाड़ा गया है, ऊपर इसके मार्च, 1869 लिखा था और नीचे यह उलझनपूर्ण विवरण-
"4 को, हडसन आया| वही पुराना मंच|"
"7 को, मैक्कॉले, पैरोमोर और सेंट ऑगस्टिन जॉन स्वेन को बीज भेजे गए हैं|"
"9 को, मैक्कॉले हट गया|"
"10 को, जॉन स्वेन हट गया|"
"12 को, पैरोमोर से मिले, सब बढ़िया|"
"धन्यवाद|" कागज को मोड़कर हमारे अतिथि को लौटते हुए होम्स ने कहा- "अब तुम्हे किसी भी वजह से एक भी पल नहीं गवाना चाहिए| जो कुछ भी अभी तुमने हमें सुनाया, हमारे पास इसके बारे में बात करने का भी वक्त नहीं| तुम फ़ौरन घर पहुंचो और काम करो|"
"मुझे क्या करना होगा?"
"एक काम है जो तुम्हे फ़ौरन करना पड़ेगा|"
"बताइये|"
"तुम इस कागज को उसी पीतल के बक्से में रख दो, जिसके बारे में तुमने हमें बताया| इसमें यह भी लिखकर रखना की अन्य कागज तुम्हारे चाचा द्वारा जला दी गए थे| यह अंतिम कागज है| तुम सहमत होगे की इससे उन्हें यकीन हो जाएगा|"
"इतना काम करने के बाद फ़ौरन सूर्य घडी पर निर्देश के मुताबिक रख देना| समझ गए?"
"जी हां| समझ गया|"
"अभी बदला लेने या इस तरह की बातें मत सोचो| मेरे ख्याल से वह हम क़ानून के द्वारा भी ले सकते हैं| मगर अभी हमें अपना जाल बुनना है जबकि उनका पहले ही बुना हुआ है| पहला काम तुम्हारे ऊपर से खतरा हटाना है| दूसरा काम है इस राज को सबके सामने प्रकट करना, और गुनहगारों को उनके किए के सजा दिलवाना|"
"मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूं|" उस नौजवान ने अपना ओवरकोट पहनते हुए कहा- "आपने मुझे एक नै जिन्दगी और उम्मीद दे है, मैं वैसा ही करूंगा जैसा आपने कहा है|"
"एक पल भी मत गवाना, और सबसे बड़ी बात तो यह है कि अपना पूरी तरह ख्याल रखना, क्योंकि मैं नहीं सोचता कि इस बात में कोई संदेह है कि तुम एक वास्तविक और तत्काल खतरे में हो| तुम यहां से हिफाजत के साथ घर कैसे जाओगे?"
"वाटरलू से ट्रेन के जारी|"
"अभी नौ नहीं बजे हैं| सड़कों पर भीड़-भाड़ होगी, मैं सोचता हूं कि तुम सुरक्षित रहोगे, लेकिन फिर भी तुम अपनी उतनी हिफाजत नहीं कर सकते हो जितनी मैं सोच रहा हूं|"
"मेरे पास हथियार हैं|" उस नौजवान ने कहा-"आप मेरी चिंता न कीजिए|"
"अच्छी बात है, अब तुम घर के लिए निकलो, कल मैं तुम्हारे मामले पर ही काम करूंगा|"
"तो फिर कल हाशमि में मुलाकात होगी|"
"नहीं मैं हाशमि नहीं आऊंगा|" होम्स ने कहा- "तुम्हारा रहस्य लन्दन में है, मैं यहीं खोजूंगा|"
"फिर मैं आपको कागज और बक्से के साथ एक-दो दिन में मिल रहा हूं| मैं हर ख़ास बात में आपकी सलाह लूंगा|" उसने कहते हुए हाथ मिलाया और विदा हो गया|
बाहर हवा अभी भी तेजी के साथ चल रही थी| बारिश की आवाज खिडकियों पर पड़-पड़ हो रही थी|
अपना सर झुकाए शरलॉक होम्स कुछ देर के लिए खामोश बैठा रहा| उसकी आँखें आग की चमक पर झुकी थीं| फिर उसने अपना पाइप सुलगाया और अपनी कुर्सी पर पीछे झुक गया| वह नीले धुंए के छत तक उठते हुए छल्लो को घूर रहा था|
"वाटसन, मैं सोच रहा हूं|" उसने ख़ामोशी को तोडा- "हमारे अब तक के मामलो में यह ज्यादा कल्पनाशील है|"
"संभवतः चार के चिन्ह को छोड़ दें तो|"
"अच्छा, हां| संभवतः उसे छोड़कर| और मुझे यह जॉन ओपेनशॉ, शोल्टोस से भी ज्यादा बड़े खतरे से घिरा प्रतीत होता है|"
"लेकिन क्या तुमने|" मैंने पूछा- "कोई धारणा बनाई है कि यह किस प्रकार का खतरा है?"
"उनके व्यवहार या स्वभाव क्व बारे में तो कोई सवाल नहीं है|" उसने जवाब दिया|
"तब वह क्या है? यह के...के...के... कौन है, और वह क्यों इस दुखी परिवार के पीछे पड़ा हुआ है?"
शरलॉक होम्स ने अपनी आंखें बंद कर लीं और अपनी कुर्सी के हत्थों पर अपनी कोहनियां टिका लीं| उसकी उंगलिओं के पोर एक-दुसरे से स्पर्श कर रहे थे| "एक आदर्श तार्किक व्यक्ति|" उसने टिप्पणी की-"जब वह कोई तथ्य देख लेता है वह न केवल घटनाक्रम की श्रंखला वरन आने वाले परिणामों तक को जान लेता है| जैसे क्यूवियर मात्र एक हड्डी से पूरे जानवर का वर्णन कर सकता है इसलिए एक घटनाक्रम की श्रंखला की एक कड़ी पूर्ण रूप से समझ लेता है| वह पहले की व आगे की अन्य घटनाओं को सटीक ढंग से कहने में समर्थ होगा|
हम अभी तक अंजाम पर नहीं पहुंचे हैं, जिसे सिर्फ तर्क द्वारा प्राप्त किया जा सकता है| समस्याओं को सिर्फ उन लोगों के अध्ययन द्वारा सुलझाया जा सकता है, जिन्होंने इसका निराकरण अपनी अक्ल की सहायता से किया है| इस कला को इसकी उच्चतम श्रेणी में प्रयोग करने के लिए यह जरूरी है कि तर्ककर्ता को अपने संज्ञान में आने वाले हर तर्क को प्रयोग करने में समर्थ होना चाहिए|
तुम देखोगे कि ऐसा सम्पूर्ण ज्ञान होने पर होता है जबकि आज के समय में मुफ्त शिक्षा और विश्वकोष होने के बाद भी ऐसा दुर्लभ है| यह इतना मुमकिन नहीं है कि एक आदमी को सम्पूर्ण ज्ञान हो| जो इसके काम में भी सहायक होता है|
यही मुझे अपने मामले में भी करना है| यदि मुझे सही से याद है तो हमारी दोस्ती के शुरूआती दिनों में, एक अवसर पर तुमने बहुत संक्षिप्त ढंग से मेरी सीमाओं को परिभाषित किया था|"
"हां-|" मैंने हँसते हुए कहा- "यह सिर्फ एक दस्तावेज है| फलसफा, विज्ञान और राजनीती में तुम्हें शून्य मिला था, मुझे अच्छी तरह याद है| वनस्पति विज्ञान ठीक था, भूगोल बहुत अच्छा जहां तक कस्बे से पंद्रह मील तक के क्षेत्र के कीचड़ के धब्बों का सम्बन्ध है, रसायन विज्ञान पर केन्द्रित, शारीरिक अव्यवस्थित, संवेदनशील साहित्य व अपराध अद्वितीय तथा वायलिन वादक, मुक्केबाज, तलवारबाज; वकील तथा जहर खाने वालों का तुम कोकेन तथा तम्बाकू के साथ अनुमान लगा लेते थे| ये मेरे विश्लेषण बिंदु हैं|"
होम्स अंतिम विश्लेषण पर खिलखिलाया-"अच्छा!" उसने कहा-"अब मैं कहता हूं, जैसा मैंने तब कहा था कि आदमी को अपनी दिमाग की अटारी में वह सारा फर्नीचर रखना चाहिए, जो उसके काम आ सकता है और बाकी वह अपनी लाइब्रेरी के कमरे में रख सकता है, और जब चाहे तब इसे निकाल सकता है| ऐसे मामले में जैसा आज रात हमें सौंपा गया है हमें निश्चित रूप से अपने सारे संशाधन खंगालने पड़ेंगे|"
"मेहरबानी करके अपने निकट की आलमारी में से 'के' अक्षर वाला अमेरिकी विश्वकोष मुझे दे दो| शुक्रिया|"
"अब हमें हालातों पर विचार करके देखना चाहिए कि हम इसमें से क्या निकाल सकते हैं| पहले स्थान पर हम इस ठोस धारणा के साथ शुरुआत कर सकते हैं कि कर्नल ओपेनशॉ के अमेरिका छोड़ने के पीछे कोई ठोस आधार था| आदमी जीवन के इस समय में अपनी आदतों को नहीं छोड़ता| इस तरह फ्लोरिडा की आकर्षक जलवायु को अंग्रेजी प्रांतीय कस्बे के एकांकी जीवन में परिवर्तित करना| इंग्लैण्ड में उसके अकेलेपन की चाहत बताती है कि उसे किसी वस्तु अथवा आदमी से डर था|
इसलिए हम एक कार्यकारी सिद्धांत के रूप में परिकल्पना कर सकते हैं| कि इस किसी वास्तु के डर ने उससे अमेरिका छुडवा दिया| यह क्या था, जिसका उसे डर था, के बारे में हम उन भयानक पत्तों से अंदाजा लगा सकते हैं, जो खुद उसे और उसके आने वाले लोगों को मिले थे| क्या तुम उन खतों के पद चिन्हों के बारे में बताओगे?"
"पहला पांडिचेरी से था, जो मेरे चाचा के पास आया था|" उसने बताया- "दूसरा डूंडी से और तीसरा लन्दन से|"
"पूर्वी लन्दन से|" इससे तुम क्या अंदाजा लगा सकते हो?" होम्स ने अधीरता से पूछा|
"यह सभी बंदरगाह हैं| यह कि लेखक जहाज के ऊपर सवार था|" उसने बताया|
"बहुत अच्छा| अब हमारे पास एक भेद है| निःसंदेह संभावना- ठोस संभावना यह है कि लेखक एक जहाज पर सवार था| अब हमें दुसरे बिंदु पर विचार करना चाहिए| पांडिचेरी के केस में धमकी मिलने और उसके पूरा होने में सात सप्ताह का फर्क है| डूंडी के मामले में यह मात्र तीन या चार दिन था| क्या इससे कुछ पता लगता है?"
"एक लम्बा सफ़र करना था|"
"लेकिन इस ख़त को भी लम्बा सफ़र तय करना था|"
"उस वक्त मैं बिन्दु पकड़ नहीं पा रहा था|"
"कम से कम यह अवधारणा तो है कि जिस जहाज में एक या ज्यादा आदमी थे, एक सफ़र पर निकला जहाज था| ऐसा प्रतीत होता है कि अपने ध्येय की शुरुआत करने से पहले हमेशा चेतावनी देते हैं|"
तुमने देखा डूंडी से पत्र आते ही कितनी जल्दी काम हुआ| अगर वे स्टीमर में पांडिचेरी से आए होते| वह तभी पहुंचते जब उनका ख़त पहुंचा था| लेकिन जैसा तथ्य है कि सात सप्ताह का अंतर था| मैं सोचता हूं कि यह सात सप्ताह का अंतर डाक लाने वाली नाव और उस यान के बीच था जिस यान में सवार होकर लेखक आया था|
"यह मुमकिन है|"
"अब तुम इस केस में घातक शीघ्रता देख रहे हो| तभी मैंने युवा ओपनशॉ से सावधान रहने का आग्रह किया था| प्रहार हमेशा उस अंत समय में हुआ है जितना प्रेषक की दूरी तय करने में लगता है| लेकिन यह लिफाफा लन्दन से आया है इसलिए हमें देर नहीं करनी चाहिए|"
"हे भगवान्!" मैं चीखा|
"ओपनशॉ के पास जो कागज़ थे, वे स्पष्टतः जहाज के व्यक्ति व अन्य लोगों के लिए जरूरी हैं| मेरा ख्याल है वो लोग एक से ज्यादा होने चाहिए| एक अकेला आदमी निर्णायक मंडल को धोखा देने वाले ढंग से दो मौत नहीं ला सकता था| इसमें कई आदमी रहे होंगे और वह संशाधन व निश्चय से भरपूर होंगे| उनके कागज जिस किसी के भी पास हैं, वे उसे पकड़ेंगे| इस ढंग से तुम उसे देखो कि के...के...के किसी आदमी के नाम के पहले अक्षर नहीं बल्कि एक समिति का बिल्ला है|"
"लेकिन कौन सी समिति का?"
"क्या तुमने कभी कू क्लक्स क्लैन के बारे में नहीं सुना?" होम्स ने धीमे स्वर में पूछा|
होम्स ने अपने घुटनों पर रखी किताब के पन्ने उलटे- "यह यहां है," वह कहने लगा- "कू क्लक्स क्लैन| यह खतरनाक समिति युद्ध के बाद दक्षिण राज्य के पूर्व योद्धाओं द्वारा बने गई थी और देश के विभिन्न भागों में शीघ्र ही इसकी स्थानीय शाखाएं बन गईं|
खासकर टेनेसी, लुईसियाना, कैरोलिना, जार्जिया और फ्लोरिडा में| इसकी ताकत राजनितिक उद्देश्यों खासकर काले मतदाताओं को भयाक्रांत करने और इसके विरोधी विचार वालों की हत्या करने अथवा उन्हें देश से बाहर निकलने में प्रयोग की जाती थी| हिंसा से पहले चिन्हित व्यक्ति को एक कल्पनाशील लेकिन जानी-पहचानी आकृति द्वारा चेतावनी दी जाती थी- कुछ हिस्सों में ओक के पत्तियों की टहनी तो अन्य में खरबूजे या संतरे के बीज| यह मिलने पर शिकार अपने पहले ढंग खुले रूप में त्याग सकता था या देश छोड़कर भाग जाता था|
अगर उसने वीरता दिखाई तो उसकी मृत्यु निश्चित थी, और वह भी आम तौर पर साधारण ढंग से| समिति का संगठन इतना सम्पूर्ण था और तरीके इतने व्यवस्थित थे कि शायद ही ऐसा कोई मामला दर्ज हो, जिसमें किसी आदमी ने वीरता दिखाई हो और दंड से बच गया हो या उसकी हिंसा का ताल्लुक उनसे जोड़ा जा सके|
अमेरिकी सरकार व दक्षिणी समाज के उच्च वर्ग के प्रयासों के बाद भी कुछ सालों तक संगठन फलता-फूलता रहा| सन 1869 में आन्दोलन अचानक ख़त्म हो गया| तभी से ही इस तरह के कार्य यत्र-तत्र होते रहे हैं|" शरलॉक होम्स ने बताया|
"तुम देखोगे|" होम्स ने संस्करण रखते हुए कहा- "समिति के अचानक टूटने और ओपनशॉ के अमेरिका से उनके कागजों सहित गुम होने में संयोग था| इसके कारन व प्रभाव रहे होंगे| इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि उसे व उसके परिवार को रास्ते में कुछ शांत आत्माएं मिली होंगी| तुम समझ सकते हो कि इस पुस्तिका और डायरी में दक्षिण के किसी प्रथम व्यक्ति का नाम हो सकता है|
इसके बावजूद ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्हें जब तक यह न मिल जाए वह रात को चैन से नहीं सो पाते होंगे|
फिर जो पन्ने हमने देखे-
वही हैं वो जैसी हम उम्मीद कर सकते हैं| अगर मुझे ठीक से याद है तो इसमें लिखा था, अ...ब...स को बीज भेजे- इसका मतलब उन्हें समिति की चेतावनी दी गई|
फिर क्रमशः लिखा है कि अ और ब हट गए या देश छोड़ दिया और किस से मिलने गए थे| मुझे दर है कि स के साथ परिणाम बुरा हुआ| मैं सोच रहा हूं डॉक्टर कि हम इस अंधेरे स्थान पर थोडा प्रकाश डाल सकते हैं| मेरा यकीन है कि युवा ओपेनशॉ के पास इस दौरान उतना ही अवसर है कि वह वैसा ही करे जैसा मैंने बताया है|
आज रात इससे ज्यादा कुछ और कहा या करा नहीं जा सकता, इसलिए मुझे मेरी वायलिन पकडाओ और आधे घंटे के लिए हमें खराब मौसम और हमारे आदमियों के ख़राब तरीके के बारे में भूल जाना चाहिए, यही बेहतर होगा|"
सुबह सवेरे का मौसम साफ़ हो चुका था| सूरज एक हलकी-सी आभा लिए बड़े शहरों पर टंगे धुंधले पर्दे के बीच चमक रहा था| जिस वक्त मैं नीचे आया शरलॉक होम्स पहले ही नाश्ता कर रहा था|
"तुम मुझे माफ़ी दोगे कि मैंने तुम्हारी प्रतीक्षा नहीं की|" वह बोला, "मैं देखता हूं कि आज मेरे सामने अधिक व्यस्त दिन है और मुझे युवा ओपेनशॉ का केस देखना है|"
"तुम क्या कदम उठाओगे?" मैंने पूछा|
"यह बात ज्यादातर मेरी पहली पूछताछ पर निर्भर करेगी| मुझे आखिरकार हाशमि जाना पड़ सकता है|"
"तुम पहले वहां नहीं जाओगे?"
"नहीं, मैं शहर से शुरुआत करूंगा| घंटी बजाओ और सेविका तुम्हारी कॉफी ला देगी|"
इन्तजार करते हुए मैंने मेज पर से अनखुला अखबार उठाया और इस पर अपनी दृष्टि डाली| यह एक शीर्षक पर ठहर गई, जिसने मेरे दिल को एक ही जगह जमा दिया|
"होम्स," मैं चिल्लाया, "तुम्हें बहुत देर हो गयी|"
"उफ़!" अपना कप रखते हुए वह बोला- "मुझे इसी बात का डर था, यह कैसे हुआ?" वह शांतिपूर्वक पूछ रहा था, लेकिन मैं देख रहा था कि वह गहन रूप से उद्वेलित था|"
मेरी दृष्टि ओपेनशॉ के नाम तथा 'वाटरलू पुल के पास हादसा' शीर्षक पर पड़ी| और यह विवरण- गत रात्रि नो और दस के बीच एच. प्रभाग का पुलिस सिपाही कुक जो वाटरलू पुल के समीप गस्त पर था, ने सहायता के लिए चीख और पानी में छपाका सुना|
रात का अन्धकार बढ़ता ही जा रहा था, और तूफ़ान भी बहुत तेज था| इसलिए बहुत से राहगीरों की सहायता के बावजूद बचाव का प्रयास मुमकिन नहीं था| फिर भी चेतावनी दे दी गई थी और जलीय पुलिस की सहायता से आखिरकार शव मिल गया था| यह एक जवान व्यक्ति का शव था, जिसका नाम उसके जेब से मिले लिफ़ाफ़े के मुताबिक जॉन ओपेनशॉ था तथा उसका निवास हाशमि के समीप है|
ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह वाटरलू स्टेशन से आखिरी ट्रेन पकड़ने की जल्दी में था और अपनी नाव रुकने के छोटे-से किनारे पर जा पहुंचा| शव पर कोई मारपीट के जख्म नहीं हैं और कोई शक नहीं कि मृतक एक दुर्घटना का शिकार हुआ है|"
कुछ पलों तक हम लोग खामोश बैठे रहे| होम्स बहुत अवसादग्रस्त और हिला हुआ था| मैंने उसे पहले ऐसे नहीं देखा था|
"इससे तो मेरा अभिमान आहत हुआ है वाटसन!" उसने ख़ामोशी को तोडा- "यह निस्संदेह बुरी बात है मगर इससे मेरी खुद्दारी को ठेस पहुंची है| अब यह मेरा व्यक्तिगत मामला बन गया है और अगर भगवान् मुझे ताकत दे, मैं इस गिरोह पर हाथ डालूंगा|"
"वह मेरे पास मदद के लिए आया और मैंने उसे मृत्यु की तरफ भेज दिया|" वह अपनी कुर्सी से उछला और बेचैनी से कमरे में टहलने लगा| उसके गालों पर लालिमा थी और वह घबराहट में अपने लम्बे पतले हाथों को कभी एक दुसरे से पकड़ता कभी छोड़ता|
"वह चालक शैतान है|" आखिरकार वह चिल्लाया| "उन्होंने वहां कैसे उसे फांस लिया? किनारा स्टेशन के सीधे रस्ते में नहीं है| पुल पर भी निस्संदेह ऐसी रात में भी भारी भीड़ थी जो उनके उद्देश्य में बाधा थी| अच्छा, वाटसन, देखते हैं अंत में कौन जीतता है| अब जरा मैं बाहर जा रहा हूँ|"
"पुलिस के पास?"
"नहीं, मैं खुद अपनी पुलिस बन जाता हूं| जब मैं जाल बुन चुकूँगा, वह मक्खियां पकड़ सकते हैं पर पहले नहीं|"
सारा दिन मैं कारोबारी काम में लगा रहा, और देर शाम मैं बेकर स्ट्रीट लौटा| शरलॉक होम्स अभी वापस नहीं आया था| लगभग दस बजने को थे, जब उसने प्रवेश किया| उसका चेहरा जर्द और शरीर थका हुआ था| वह मेज तक पहुंचा और पाव का टुकड़ा तौड़ा| वह उस टुकड़े को जल्दी-जल्दी खा गया और ढेर सा पानी पी गया|
"तुम भूखे हो?" मैंने टिप्पणी की|
"मरा जा रहा हूं| मुझे याद ही नहीं रहा था कि मैंने नाश्ते के बाद कुछ नहीं खाया"
"कुछ भी नहीं|"
"एक टुकड़ा भी नहीं|" उसने बताया- "मेरे पास इसके बारे में सोचना का वक्त नहीं था|"
"तुम सुनाओ तुम्हारी सफलता कैसी रही, मेरा मतलब है तुम अपने काम में कामयाब हुए|"
"बहुत बढ़िया|"
"तुम्हारे हाथ कोई सबूत मिला, जो इस केस को अच्छी प्रकार समझने में मदद करे|"
"वह मेरे हाथ में हैं| नौजवान ओपेनशॉ बिना बदले के लम्बे समय तक नहीं रहेगा| क्यों वाटसन, हमें उनका शैतानी निशान उन्ही पर लगा देना चाहिए| यह अच्छी तरह सोच लिया गया है|"
"क्या मतलब है तुम्हारा?"
उसने आलमारी से एक संतरा निकला और उसकी फांक करी, फिर उन्हें निचोड़कर मेज पर उसके बीज निकल लिए| उनमें से उसने पांच बीज उठाए, और उन्हें एक लिफाफे में डाला|
इसके अन्दर के हिस्से पर उसने लिखा,'जे.के. के लिए एस.एच.|' फिर उसने उसे बंद किया और उस पर पता लिखा-"कप्तान जेम्स कैलहून, लोन स्टार, सवाना, जार्जिया|"
"जिस वक्त वह बंदरगाह पर प्रवेश करेगा, यह उसकी प्रतीक्षा कर रहा होगा|" उसने हंसकर कहा- "यह उसकी नींद हरम कर देगा| यह उसे अपने आगामी दुर्भाग्य के विषय में बताएगा| जिस तरह उसकी प्रतीक्षा कर रहा होगा|"
कप्तान कैलहून के विषय में क्या जानते हो, आखिर यह आदमी कौन हो सकता है?"
"गिरोह का सरगना यही है|" उसने बताया- "मैं बाकी लोगों को भी थामुंगा मगर पहले उसे|"
"तुम्हें इसका पता कैसे चला?"
उसने अपनी जेब से एक लम्बा आगाज निकला| यहाँ नाम और तारीखों से पूरा भरा हुआ था|
"मैंने पूरा दिन" वह बोला- "लायड के रजिस्टर और पुराणी फाइलें देखने में खर्च किया है, और साथ भी यह भी कि 83 में कौन सा जहाज जनवरी और फ़रवरी में पांडिचेरी से गुजरा था? उन महीनों में छत्तेस जहाज निकले थे| इनमें से एक लोन स्टार ने मेरा ध्यान तुरंत अपनी और आकर्षित किया, क्योंकि यह लन्दन से छूटना बाते गया था, लेकिन इसके नाम में संघीय प्रान्तों में से एक प्रान्त का नाम था|"
"शायद टेक्सास|"
"मैं निश्चित नहीं था और न हूं कि कौन-सा, किन्तु मैं जानता था कि जहाज अमरीका से चला होगा|"
"फिर?"
"मैंने डूंडी अभिलेख खोजे और जब पाया कि जनवरी सन 1885 मं लोन स्टार वहां था, मेरा शक निश्चित हो गया| उसके बाद मैंने लन्दन बन्दरगाह में इस समय उपस्थित जहाज के बारे में पूछा|"
"हां पूछा-|"
"लोन स्टार यहां पिछले सप्ताह पहुंचा था| मैं अलबर्ट बंदरगाह पहुंचा और पाया कि वह आज सुबह छूट चूका था| वह सवाना जा रहा था| मैंने गैवसैंड को तार भेजकर पता किया, थोडा समय पहले ही गुजरा था, और हवा चूंकि पूर्वी है इसलिए निस्संदेह यह गुडविन्स पार गया होगा, और वेट द्वीप से ज्यादा दूर नहीं होगा|"
"फिर तुम क्या करोगे?"
"वह मेरे हाथों में हैं| जैसा मुझे पता चला है कि वह और उसके दो साथी जहाज पर ऐसे हैं जो अमरीकी मूल के हैं| दूसरे व्यक्ति जर्मनी और फिनलैंड के हैं|
मैं इस बात को भी जनता हूं कि पिछली रात वह तीनों जहाज से बाहर थे| यह बात मुझे जहाज पर माल लादने वालों से पता चली| जब तक उनका जहाज सवाना पहुंचेगा, डाक वाली नाव यह पत्र पहुंचा चुकी होगी, और तार ने सवाना पुलिस को सूचित कर दिया होगा कि यह आदमी हत्या के मामले में यहां बुरी तरह वांछित है|
इंसानों द्वारा बनाई गई योजना में हमेशा कोई न कोई दोष निकल आता है| जॉन ओपेनशॉ के हत्यारों को संतरे के बीज कभी नहीं मिलने थे, जो उन्हें यह दिखाते कि उन्ही की प्रकार और दृढप्रतिज्ञ एक अन्य उनके मार्ग पर है|"
उस साल हवा बहुत तूफानी थी| हमने लम्बे समय तक सवाना के लोन स्टार की समाचार की प्रतीक्षा की, लेकिन यह हम तक कभी नहीं पहुंचा| अंत में हमने सुना कि अटलांटिक में दूर कहीं एक टूटी हुई नाव लहरों के बीच डूबती-उतराती देखी गई, जिस पर 'एल.एस.' अक्षर अंकित हुए थे और यही कुछ लोन स्टार की नियति थी, जिसके बारे में हम कभी जान पाएंगे|
Very nice story.
ReplyDeleteI like Sherlock Holmes stories.happy to read one of them here..please upload more adventurous stories of Sherlock Holmes.
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