अपने मरकज़ से अगर दूर निकल जाओगे - अल्लामा इकबाल
अपने मरकज़ से अगर दूर निकल जाओगे खवाब हो जाओगे अफसानों में ढल जाओगे अपनी मिटटी पे ही चलने का सलीका सीखो संग-ए-मरमर पे चलोगे तो फिसल जाओग...
अपने मरकज़ से अगर दूर निकल जाओगे खवाब हो जाओगे अफसानों में ढल जाओगे अपनी मिटटी पे ही चलने का सलीका सीखो संग-ए-मरमर पे चलोगे तो फिसल जाओग...
यही वफ़ा का सिला है तो कोई बात नहीं, ये दर्द तूने दिया है तो कोई बात नहीं, किसे मजाल कहे कोई मुझको दीवाना, अगर ये तुमने कहा है तो कोई ब...